Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव
Donald Trump US Presidential Election: में एक ऐतिहासिक जीत हासिल की है, जिससे वह फिर से राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। उनकी रिपब्लिकन पार्टी ने न केवल व्हाइट हाउस, बल्कि दोनों अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सेनेट में भी मेजॉरिटी जीतने की संभावना दिखाई है।
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ट्रंप ने इस चुनाव में पॉपुलर वोट भी जीते हैं, जो पिछले 20 वर्षों में किसी रिपब्लिकन राष्ट्रपति के लिए पहली बार हो रहा है। यह चुनाव प्रणाली की जटिलताओं को उजागर करता है, जिसमें पॉपुलर वोट और इलेक्टोरल वोट के बीच का अंतर महत्वपूर्ण होता है।
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2024 US Presidential Election:
US Presidential Election: प्रक्रिया हर चार साल में होती है, जिसमें राष्ट्रपति, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सेनेट के लिए वोट डाले जाते हैं। हाउस में कुल 435 सीटें होती हैं, जबकि सेनेट में 100 सदस्य होते हैं। रिपब्लिकन पार्टी ने हाउस में पहले से ही मेजॉरिटी हासिल की थी और अब सेनेट में भी उनकी स्थिति मजबूत हुई है।
इससे उन्हें महत्वपूर्ण कानूनों को पारित करने में आसानी होगी, जो कि अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेगा।ट्रंप की जीत के बाद, कई मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जैसे कि इमीग्रेशन, आर्थिक विकास और जलवायु परिवर्तन। ट्रंप ने पहले भी अवैध इमीग्रेशन पर सख्ती की थी और उनकी योजना है कि वह इसे फिर से लागू करें।
Kamala Harris talked about simplifying the immigration process
इसके विपरीत, Kamala Harris ने Immigration Process को सरल बनाने की बात की थी। ट्रंप की आर्थिक नीतियों में टैक्स कटौती और अमेरिकी उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाने की योजना शामिल है, जो भारत और अन्य देशों पर प्रभाव डाल सकती है।
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर, ट्रंप ने पिछले कार्यकाल में पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकलने का निर्णय लिया था। यदि वह फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो यह संभावना है कि वह इस दिशा में फिर से कदम उठाएं।
दूसरी ओर, कमला हैरिस ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ प्रगति की बात की थी, और उनके दृष्टिकोण से अमेरिका का पर्यावरणीय प्रभाव बेहतर हो सकता था।
What will be the impact on India and other countries?
अंत में, अमेरिका में राजनीतिक प्रणाली के भीतर एक द्विदलीय प्रणाली का मजबूत होना एक चुनौती बनता जा रहा है, जिससे तीसरी पार्टी के लिए उभरना मुश्किल हो गया है।
ट्रंप की वापसी से अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं, जो न केवल अमेरिका बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रभाव डालेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी नीतियों का भारत और अन्य देशों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।